UVM ने टाउन वेंडिंग कमेटी की बैठक में दिया सुझावः चंडीगढ़ में वेंडर्स को मार्केट के बजाय अन्य जगह बैठाया जाए

उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष कैलाश चंद जैन ने कई मुद्दों को निगम कमिश्नर के समक्ष लिखित रूप से भी रखा

CHANDIGARH, 6 JULY: टाउन वेंडिंग कमेटी चंडीगढ़ की 32वीं बैठक आज नगर निगम कमिश्नर एवं कमेटी की चेयरपर्सन आनंदिता मित्रा की अध्यक्षता में हुई, जिसमें उद्योग व्यापार मंडल (UVM) चंडीगढ़ की तरफ से UVM के अध्यक्ष कैलाश चन्द जैन व सचिव नरेश कुमार ने विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में हिस्सा लिया। इस बैठक में कमेटी के सदस्यों ने व्यापारियों से संबंधित मामले उठाए। UVM अध्यक्ष कैलाश चन्द जैन ने लिखित रूप से इन मुद्दों पर प्रकाश डाला।

कैलाश चंद जैन ने कहा कि वेंडरों को मार्केट्स से बाहर अलग जगह देनी चाहिए, क्योंकि किसी भी मार्केट का डिजाइन अथवा प्लानिंग उस मार्केट में जितनी दुकानें हैं उसी के हिसाब से की गई है। उससे ज्यादा फुटफॉल सहन करने में सक्षम नहीं हैं। बाजार में पार्किंग व फुटपाथ क्लियर होने चाहिए, जबकि वेंडर फुटपाथों व पार्किंग स्थलों में पूरी मार्केट बनाकर बैठ गए हैं। उन्हें अपनी हद में ही रहना चाहिए तथा ज्यादा जगह नहीं घेरनी चाहिए। जैन ने कहा कि वेंडर भी कारोबारी हैं, कोई चोर- उचक्के या क्रिमिनल नहीं हैं। उन पर एफआईआर दर्ज नहीं करवाई जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि सेक्टर-19 में बैठे वेंडर्स को तुरंत हटाया जाना चाहिए। सेक्टर-19 के सदर बाजार या किसी अन्य छोटी कन्जेस्टेड बूथ मार्केट में वेंडर्स को एडजस्टमेंट करने की कार्रवाई तुरंत बंद होनी चाहिए और वहां बैठे वेंडर्स को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाना चाहिए। इसके अलावा शहर में सभी वेंडर जोनों के लिए एक ही तरह का Kiosk अथवा हैंड कार्ट होना चाहिए, ताकि शहर की खूबसूरती बनी रह सके। बैठक में इनके अलावा भी अनेक मुद्दों पर सकारात्मक चर्चा हुई।

टाउन वेंडिंग कमेटी की चेयरपर्सन एवं नगर निगम कमिश्नर आनंदिता मित्रा के समक्ष UVM अध्यक्ष कैलाश चन्द जैन ने लिखित रूप से जो मुद्दे रखे, वो इस प्रकार हैं:

  1. वेंडर्स को मार्केट्स से बाहर अलग जगह देनी चाहिए। किसी भी मार्केट का डिजाइन अथवा प्लानिंग उस मार्केट में जितनी दुकानें हैं उसी के हिसाब से की गई है। उसी के अनुसार फुटफॉल के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया गया है। अगर एक मार्केट में 100 दुकानों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया गया है और उस मार्केट में 100 वेंडर को अलग से बैठा दिया जाए तो उस मार्केट में 200 दुकानें हो जाएंगी और फुटफॉल भी उसी हिसाब से बढ़ जाएगी, जिससे इंफ्रास्ट्रक्चर पर दबाव बढ़ेगा, जो किसी भी हालत में स्वीकार्य नहीं हो सकता। वह इंफ्रास्ट्रक्चर इतने अधिक दबाव को सहन नहीं कर पाएगा। इसलिए वेंडर्स को मार्केट से अलग दूसरी जगह पर बैठाया जाना चाहिए।
  2. पार्किंग व फुटपाथ क्लियर होने चाहिए। पार्किंग अथवा फुटपाथ पर कोई वेंडर नहीं होना चाहिए ।
  3. वेंडर पूरी मार्केट बनाकर बैठ गए हैं। वेंडर का मतलब स्ट्रीट वेंडर होता है, जो सड़क के किनारे या अंदरूनी गलियों में छोटी-मोटी दुकान अथवा फड़ी लगाकर लोगों तक जरूरत का सामान पहुंचाता है तथा अपना गुजारा करता है। दुकानदारों का कंपीटीटर नहीं होता लेकिन देखनें में आया है कि NESP वेंडर्स ने अपनी फडि़यों पर लाखों रुपए का सामान रखा है। दुकानदार से ज्यादा सामान रखा है तो क्यों नहीं उसे दुकानदार ही मान लिया जाए। वह वेंडर नहीं है, व्यापारी हो गया है, ऐसे वेंडर को दुकानदार की कैटेगरी में शिफ्ट कर देना चाहिए और उसकी जगह नए गरीब व्यक्ति को रोजी-रोटी कमाने की इजाजत दी जानी चाहिए।
  4. वेंडर भी कारोबारी हैं। कोई चोर-उचक्के या क्रिमिनल नहीं, उन पर एफआईआर दर्ज नहीं करवाई जानी चाहिए। मैं किसी भी कारोबारी पर एफआईआर दर्ज करवाने के खिलाफ हूं।
  5. सेक्टर-19 में वेंडर मार्केट अथवा पार्किंग स्थल में बैठे वेंडरों को तुरंत हटाया जाना चाहिए।
  6. सेक्टर-19 के सदर बाजार या किसी अन्य छोटी बूथ मार्केट की बात करें तो प्रशासन स्वयं इन मार्केट को कन्जेस्टेड मार्केट मानता है और इन कन्जेस्टेड मार्केट में अगर वेंडर बैठाए जाएंगे तो और भी कन्जेस्टेड हो जाएगी। इसलिए वेंडर को इन मार्केट से दूर रखा जाना चाहिए।
  7. सदर बाजार में बैठाए जा रहे वेंडर्स को तुरंत वहां से हटाया जाना चाहिए।
  8. शहर में सभी वेंडर जोनों के लिए एक ही तरह का Kiosk होना चाहिए, ताकि शहर की खूबसूरती बरकरार रह सके।
error: Content can\\\'t be selected!!