जब सभी गांव नगर निगम में शामिल तो जमीन अधिग्रहण का रेट शहरी क्यों नहीं: कांग्रेस

चंडीगढ़ के साथ गांवों की भी हो रही दुर्दशा, कोई सुधबुध लेने वाला नहीं: प्रदीप छाबड़ा

CHANDIGARH: डेढ़ साल पहले नगर निगम में शामिल किए गए चंडीगढ़ के बचे 13 गांवों के विकास के दावे करने वाली बीजेपी व उसके नेताओं को आड़े हाथ लेते हुए चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा ने कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल में गांवों के लिए अलग बजट होने से गांवों के विकास में कभी कोई कमी नहीं रहती थी लेकिन आज गांवों के हालात बदतर हो चुके हैं। गांवो की टूटी-फूटी सड़कें, ऊपर से बारिश के कारण जलभराव ने गांववासियों का जीवन दूभर किया हुआ है।

प्रदीप छाबड़ा ने शनिवार को जारी किए एक बयान में कहा कि गांवों में स्ट्रोम लाइन बिल्कुल बंद पड़ी है। कोई लेवलिंग नहीं है। दूसरी ओर हमेशा सीवरेज लाइन की ब्लॉकेज रहना बहुत बड़ी चिंता का विषय है। छाबड़ा ने कहा कि बड़े-बड़े झूठे वादे करके वोट मांगने वाले बीजेपी के नेता आज कहां हैं? कहां है उनकी विलेज डेवलपमेंट कमेटी ? क्या कर रही है ये कमेटी? खाली कागजों में ही तो नहीं बनी विलेज डेवलपमेंट कमेटी ? कहां है वो बजट, जो गांवों के विकास के लिए बनाया गया था?

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी के नेताओं का दोगला रवैया हमेशा उजगार होता रहा है। गांववासियों को भूमि अधिग्रहण में बड़े-बड़े वादे करने वाले अब कहां हैं जब डड्डूमाजरा में सस्ते रेट पर जमीन का अधिग्रहण हो रहा है ? छबड़ा ने कहा कि जब बीजेपी शासित नगर निगम व प्रशासन गांव चंडीगढ़ नगर निगम में शामिल होने के कारण गांव वालों से शहरी तौर पर टैक्स वसूल सकता है तो जमीन अधिग्रहण का रेट शहरी रेट के हिसाब से क्यों नहीं दिया जा सकता है?

छाबड़ा ने कहा कि बीजेपी के नेताओं ने गांववासियों को हमेशा वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल किया। गांववासी अब बीजेपी नेताओं के चाल, चेहरे और चरित्र को भांप चुके हैं। बीजेपी नेताओं के झूठे वादे व चिकनी-चुपड़ी बातों का सबक जनता बीजेपी को आगामी नगर निगम चुनाव में सिखाएगी।

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