जापानी दूतावास के पर्यावरण सचिव ने गुरुग्राम के भोंडसी का किया दौरा
CHANDIGARH: जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय मुद्दों पर जापान ने हरियाणा के साथ तकनीकी सहायता और सहयोग के लिए उत्सुकता दिखाई है। जापानी दूतावास के पर्यावरण सचिव युकी योशिदा ने हरियाणा के अधिकारियों के साथ गुरुग्राम के भोंडसी का दौरा किया ताकि जलवायु परिवर्तन से संबंधित उत्कृष्टता केंद्र, अपशिष्ट प्रबंधन से संबंधित पर्यावरणीय मामले, ई-वाहन, वायु प्रदूषण, जैव विविधता संरक्षण, भूमि क्षरण, भोंडसी में अरावली पर्वत के लैंडस्केप के परिवेश में मरुस्थलीकरण होने से बचाव करने की क्षमता और अन्य संबद्ध क्षेत्र की संभावनाओं का पता लगाया जा सके।
विदेश सहयोग और उद्योग विभाग में मुख्यमंत्री के सलाहकार पवन चौधरी, इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन इंडिया) के प्रबंध निदेशक व एक्स कंट्री रिप्रजेंटेटिव डॉ. विवेक सक्सेना ने साझेदारी और सहयोग के संभावित क्षेत्रों के बारे में चर्चा की। एपीसीसीएफ एमएस मलिक, डीएफओ प्रशिक्षण सुभाष यादव और अन्य अधिकारियों ने गतिविधियों और अन्य उपलब्ध वर्तमान सुविधाओं के बारे में जानकारी दी।
जर्मन तकनीकी सहयोग के जलवायु परिवर्तन प्रभाग के वरिष्ठ अधिकारी अश्विन ने अपनी इस विजिट में बातचीत के दौरान पर्यावरण के मुद्दों, तकनीकी और वित्तीय सहायता पर जर्मन के संघीय गणराज्य की ओर से सहयोग देने का आश्वासन दिया। आईयूसीएन इंडिया (बिजनेस एंड बायोडायवर्सिटी प्रोग्राम और लीडर्स फॉर नेचर प्रोग्राम) की प्रमुख सुश्री मीनल पाहुजा ने भी स्थायी चुनौतियों बारे आईयूसीएन (नेचर बेस्ड सॉल्यूशंस स्टैंडर्ड्स) के माध्यम से कॉरपोरेट पार्टनरशिप का समर्थन और साझेदारी करने की इच्छा व्यक्त की।
विदेश सहयोग और उद्योग विभाग में मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री पवन चौधरी ने बताया कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, जो पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग स्वयं देखते हैं, हमेशा पर्यावरणा संरक्षण के मामले में गंभीर रूप से प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उक्त प्रस्तावित उत्कृष्टता केंद्र में पर्यावरण समाधान और सर्वोत्तम पहलों एवं तकनीकी सहायता से प्रदेश को न केवल राष्ट्रीय स्तर पर कॉरपोरेट्स, उद्योगों और अन्य संबंधित हितधारकों के लिए बल्कि अन्य राष्ट्रों के लिए अग्रणी बनाएंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के इन प्रयासों से अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण संगठनों के शोधकर्ताओं और अधिकारियों को पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने में सहायता, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, जल संरक्षण और अन्य संबद्ध क्षेत्रों के समाधान विकसित करने और रियो सम्मेलनों, सतत विकास लक्ष्यों आदि पर राष्ट्रीय स्तर की अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए उत्कृष्ट नवीनतम सुविधाओं तक पहुंचने का अवसर मिलेगा।