आदमपुर उपचुनाव को लेकर काफी उत्साहित हैं हुड्डा, जीत को लेकर नजर आए आश्वस्त

कहा- बीजेपी-जेजेपी के पास गिनवाने के लिए पूरे हरियाणा में एक भी उपलब्धि नहीं

CHANDIGARH, 3 OCTOBER: आदमपुर उपचुनाव की घोषणा को लेकर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा काफी उत्साहित नजर आए। उन्होंने कहा कि आदमपुर शुरू से कांग्रेस का गढ़ रहा है। बरोदा उपचुनाव की तरह इस उपचुनाव में भी कांग्रेस की जीत तय है, क्योंकि बीजेपी-जेजेपी के पास आदमपुर और पूरे हरियाणा में गिनाने के लिए ऐसी कोई उपलब्धि नहीं है, जिसके नाम पर वोट मांगी जा सके। इस सरकार की नीति व कार्यों से प्रदेश का हर वर्ग दुखी है। आज बच्चे स्कूल बंद होने से परेशान हैं तो बुजुर्ग पेंशन कटने से। नौजवान बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं तो किसान बढ़ती लागत और घटती आमदनी की।

हुड्डा ने कहा कि सरकारी खरीद नहीं होने की वजह से एकबार फिर किसान का धान और बाजरा मंडियों पिट रहा है। 2060 रुपये एमएसपी वाली धान और 2350 रुपये एमएसपी वाला बाजरा 1600 से 1800 रुपये में पिट रहे हैं। किसानों को 300 से 600 रुपये प्रति क्विंटल का घाटा हो रहा है।दूसरी तरफ भारी बारिश से हुए नुकसान की अब तक गिरदावरी भी नहीं की किसान पर दोहरी मार पड़ रही है। अकेले हिसार जिले में ही 41,000 किसानों ने फसल खराबे का क्लेम लेने के लिए फॉर्म भरा, प्राइवेट बीमा कंपनी ने 29,000 फॉर्म कैंसिल ही कर दिए।

पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए हुड्डा ने आंकड़ों और तथ्यों के साथ प्रदेश सरकार को आईना दिखाया। उन्होंने कहा कि इस सरकार का पूरा कार्यकाल विफलताओं से भरा पड़ा है। जो हरियाणा 2014 से पहले प्रति व्यक्ति आय, प्रति व्यक्ति निवेश, रोजगार सृजन, किसानों को फसल का उचित रेट देने, खिलाड़ियों, बुजुर्गों के मान-सम्मान, गरीब, दलित व पिछड़े बच्चों को सबसे ज्यादा वजीफा देने और विकास के हर पैमाने पर देश में नंबर वन था, उसे इस सरकार ने 8 साल में बेरोजगारी, अपराध, दंगा-फसाद, भ्रष्टाचार, नशे, महंगाई और बदहाली में पहले पायदान पर पहुंचा दिया है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हरियाणा में जनता से विश्वासघात कर निजी स्वार्थ आपूर्ति के लिए बीजेपी- जेजेपी गठबंधन की सरकार बनी है। इस सरकार ने जनता की गाढ़ी कमाई पर डाका डालने के अलावा कोई काम नहीं किया। सरकार ने प्रदेश में भर्ती, पेपर लीक, खनन, शराब, रजिस्ट्री, धान खरीद, बाजरा खरीद, बिजली मीटर, अमृत योजना, स्टेडियम और सड़क निर्माण जैसे सैंकड़ों-हजारों करोड़ के घोटालों को अंजाम दिया गया।

जबकि गठबंधन दलों ने वादा किया था कि सत्ता में आने पर वो बुजुर्गों को 5100 रुपये पेंशन, कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ, पंजाब के समान वेतनमान, किसानों को स्वामीनाथन रिपोर्ट के मुताबिक एमएसपी, एमएसपी का कानून, मुफ्त ट्यूबवेल कनेक्शन, 24 घंटे बिजली, युवाओं को 9000 रुपये बेरोजगारी भत्ता, अतिथि अध्यापकों और कच्चे कर्मचारियों को पक्की नियुक्ति दी जाएगी। लेकिन दोनों दलों ने अपने चुनावी घोषणापत्र का एक भी वादा पूरा नहीं किया।

इतना ही नहीं 8 साल के दौरान प्रदेश को कोई बड़ी परियोजना, कोई बड़ा उद्योग या संस्थान नहीं मिला। ना ही कोई नया पावर प्लांट लगाया गया, ना कोई मेडिकल कॉलेज और बड़ी यूनिवर्सिटी बनाई गई। ऐसे में सरकार आखिर किस आधार पर जनता से वोट मांगेगी?

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