कांग्रेस ने पवन कुमार बंसल को राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष पद से हटाया, जानिए क्या रही इसकी वजह

CHANDIGARH, 1 OCTOBER: चंडीगढ़ के पूर्व सांसद पवन कुमार बंसल को कांग्रेस के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष पद से आज अचानक हटा दिया गया है। उनकी जगह अजय माकन को कांग्रेस का राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। पवन कुमार बंसल को 2020 में अहमद पटेल के निधन के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इससे पार्टी में उनका कद काफी बढ़ गया था लेकिन अब अचानक उन्हें इस पद से मुक्त कर दिए जाने को लेकर विभिन्न अटकलें लगाई जा रही हैं।

बता दें कि पवन कुमार बंसल को आज जब कांग्रेस के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष पद से हटाकर अजय माकन को उनकी जगह नियुक्त करने का आदेश पार्टी मुख्यालय से जारी हुआ, तब पवन कुमार बंसल चंडीगढ़ में भाजपा के खिलाफ जनाक्रोश मार्च का नेतृत्व कर रहे थे। कहा जा रहा है कि पार्टी अब पवन कुमार बंसल को अन्य कोई बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। इसके अलावा 2024 के लोकसभा चुनाव में बंसल चंडीगढ़ सीट से पुनः दावेदार हैं लेकिन पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष के नाते कांग्रेस के दिल्ली मुख्यालय में ज्यादा व्यस्त रहने से वह चंडीगढ़ में पर्याप्त समय नहीं दे पा रहे थे। लिहाजा, अब पार्टी द्वारा उन्हें दिल्ली मुख्यालय की व्यस्तता से मुक्त कर दिए जाने से यह तय माना जा रहा है कि पवन बंसल ही कांग्रेस के टिकट पर चंडीगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। हालांकि INDIA गठबंधन में इस सीट को लेकर भी आम आदमी पार्टी से समझौते का पेंच अभी फंसा हुआ है।

दूसरी तरफ, सूत्रों का कहना है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल पिछले कई दिनों से दिल्ली में अपने कार्यालय में उपस्थित नहीं हो रहे थे, क्योंकि मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में नई कांग्रेस कार्य समिति (CWC) के पुनर्गठन के बाद से बंसल कथित तौर पर नाराज हैं। सूत्रों का कहना है कि कोषाध्यक्ष के पद पर नियुक्ति से पहले CWC में स्थाई आमंत्रित सदस्य रहे पवन कुमार बंसल को खरगे ने पार्टी में फिर से स्थाई आमंत्रित सदस्य बना दिया। सूत्रों ने कहा कि CWC में बंसल को स्थाई आमंत्रित सदस्य के रूप में नियुक्त करते समय पार्टी की निर्णय लेने वाली शीर्ष संस्था कार्य समिति में कोषाध्यक्ष के पद को ‘कमजोर’ कर दिया गया। बता दें कि अहमद पटेल के निधन के बाद पवन कुमार बंसल को अंतरिम कोषाध्यक्ष नियुक्त किया गया था। बंसल लगभग तीन वर्षों तक इस पद पर रहे।

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