पंजाब की जेल में बंद गैंगस्टरों और आतंकियों से जुड़े ड्रग माफिया का पर्दाफाश

2 व्यक्ति 4 किलो हेरोइन समेत गिरफ्तार, भारत में आतंकवादी गतिविधियों के लिए फंडिंग के अंतराष्ट्रीय नैटवर्क से पर्दा उठा

CHANDIGARH: पंजाब पुलिस ने दो व्यक्तियों की गिरफ़्तारी और 4 किलो हेरोइन की बरामदगी के साथ गैंगस्टरों और आतंकवादियों से सम्बन्धित और अंतराष्ट्रीय संपर्क वाले एक बड़े ड्रग माफिया का पर्दाफाश किया है। प्राथमिक जांच में दोषियों जिनकी पहचान जसविन्दर सिंह उर्फ जस्स और रमेश कुमार उर्फ केसा, दोनों निवासी जालंधर (ग्रामीण) के तौर पर हुई है, के पंजाब की जेलों में बंद कुछ गैंगस्टरों और दुबई के एक तस्कर के साथ मज़बूत गठजोड़ का पर्दाफाश हुआ है।

डीजीपी दिनकर गुप्ता के अनुसार अब तक की जांच से यह सामने आया है कि कश्मीर से पंजाब में तस्करी किए गए नशों की बिक्री से प्राप्त पैसे का प्रयोग संभावित तौर पर आतंकवादी गतिविधियों के लिए फंडिंग के लिए किया जा रहा था। उन्होंने कहा पूरी अंतरराष्ट्रीय साजिश और नैटवर्क के आगे-पीछे के सभी संबंधों से पर्दा हटाने के लिए अगली जांच जारी है।

दोषियों से हेरोइन के अलावा दो देसी .32 बोर पिस्तौल समेत 10 बिना इस्तेमाल किए हुए कारतूस और जे.के.-012-ई -2277 नंबर वाली एक कार, जिसका प्रयोग पंजाब की जेलों में बंद गैंग्स्टरों के इशारे पर श्रीनगर से नशों की तस्करी के लिए किया जाता था, भी बरामद की गई है। ड्रग माफिया के तार दुबई के एक व्यक्ति के साथ जुड़े हैं, जो नशा तस्करों और पंजाब के नशा तस्करों को नशों की सप्लाई के लिए कथित तौर पर कश्मीर के नशा तस्करों के साथ संबंध कायम करने में शामिल है।

मामले की जानकारी देते हुए डीजीपी ने खुलासा किया कि जालंधर (ग्रामीण) पुलिस को जसविन्दर सिंह, रमेश कुमार और गुरसेवक सिंह सम्बन्धित फिऱोज़पुर जेल में बंद पलविन्दर सिंह उर्फ पिन्दा के इशारे पर ड्रग नैटवर्क चलाने की सूचना मिली थी। प्राप्त जानकारी के आधार पर पुलिस द्वारा एस.एस.पी., जालंधर सन्दीप गर्ग की सीधी निगरानी अधीन छापे मारे गए, जिसके चलते जि़ला जालंधर (ग्रामीण) के गाँव लोहियां में जसविन्दर सिंह के घर से रमेश कुमार और जसविन्दर सिंह को गिरफ़्तार किया गया।

उनका साथी, गुरसेवक सिंह निवासी पटियाला अभी फऱार है और उसकी खोज के लिए छापे मारे जा रहे हैं। गिरफ़्तार किये गए दोषियों से पूछताछ से पता चला है कि उनकी योजना पलविन्दर सिंह द्वारा जम्मू कश्मीर की गाड़ी (मौजूदा केस में, रजिस्ट्रेशन नं. जे.के.-012-ई-2277) में श्रीनगर से पंजाब में नशों की तस्करी करने की थी। ऐसा लगता है कि सरहद पार से भारत में नशों की तस्करी की जाती थी और फिर यह नशे मार्केट में बेचे जाते थे, जिसका पैसा गैंगस्टरों और आतंकवादी गतिविधियों के लिए फंडिंग के लिए जाता था।

दोषियों के खि़लाफ़ एनडीपीएस एक्ट की धारा 21 सी और हथियार एक्ट की धारा 25 के अंतर्गत एफआईआर नं. 246, तारीख़ 11.12.2020, पुलिस थाना लोहियाँ, जि़ला जालंधर (ग्रामीण) में मामला दर्ज कर लिया गया है।

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